Not known Details About bhairav kavach

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कथयामि श्रृणु प्राज्ञ बटुककवचं शुभम्।

संहार भैरवः पायात् ईशान्यां च महेश्वरः ।।

 

ಪಾತು ಮಾಂ ವಟುಕೋ ದೇವೋ ಭೈರವಃ ಸರ್ವಕರ್ಮಸು

साधक कुबेर के जीवन की तरह जीता है और हर जगह विजयी होता है। साधक चिंताओं, दुर्घटनाओं और बीमारियों से मुक्त जीवन जीता है।

ನೇತ್ರೇ ಚ ಭೂತಹನನಃ ಸಾರಮೇಯಾನುಗೋ ಭ್ರುವೌ

पेयं खाद्यं च चोष्यं च तौ कृत्वा तु परस्परम् ।

नाख्येयं नरलोकेषु सारभूतं सुरप्रियम्।।



ಜಾನೂ ಚ ಘುರ್ಘುರಾರಾವೋ ಜಂಘೇ ರಕ್ಷತು ರಕ್ತಪಃ

कार्य पर विजय प्राप्त करने के लिए संसार click here में इससें बड़ा कोई कवच नही है।

शत्रु के द्वारा किये हुए मारण, मोहन, उच्चाटन आदि तंत्र दोष नष्ट होते है, उनसें रक्षा होती है।

 

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